भारत की ऐसी झील 🌊जहा मछलियों 🌊से भी ज्यादा मानव कंकाल मिलते हैं🤔☠️☠️
इस झील की खोज एक ब्रिटिश फॉरेस्ट रेंजर के द्वारा सन् 1941 में को गई थी । लोगो का मानना था की ये सारे कंकाल वर्ल्ड वार 2 के समय जर्मन सैनिकों के हो सकते हैं जो की दुश्मन के बचने के लिए यहां छुपकर रह रहे थे ।लेकिन चारो तरफ अच्छी तरह से जांच करने पर वहा आस पास कोई भी किसी प्रकार का कोई हथियार नही मिला ।
इस कारण लोगो ने इस बात को नकार दिया ।जब विश्लेसको ने इन कंकालों का अध्ययन किया तो पाया कि ये सारे कंकाल तो इससे भी कही पुराने थे ।अब ये बात सामने आने के बाद लोगो ने अंदाजा लगाना शुरू कर दिया की हो सकता हैं इतने सारे लोगो ने एक साथ मिलकर किसी धार्मिक आत्मदाह को अंजाम दिया हो तभी इतने लोगो के कंकाल एक साथ मिले हैं।
लेकिन इस बात का एक और मतलब निकलता हैं की अगर इतने सारे लोगो ने आत्म दाह किया होता तो उनके कंकाल एक जगह पर पड़े हुए होने चाहिए थे ,लेकिन ये सारे कंकाल तो पूरी झील में फेले हुए थे।जब इस बात का कोई जवाब नही मिल रहा था तो सन 2004 में यूरोपियन और इंडियन वैज्ञानिकों ने इनका अध्ययन करना शुरू किया,जब उन्होंने कंकालों को कार्बन डेटिंग की तो उन्होंने पाया कि ये सारे कंकाल लगभग 850AD.
पुराने थे ,और करीब से अध्ययन करने पर पाया की इन कंकालों में से बहुत से कंकालों में पीछे की तरफ हल्का हल्का क्रैक आया हुआ था जिससे यहअंदाजा लगाया गया की इन लोगो को किसी ने पीछे से मारा गया था जिसके वजह से इनकी हड्डियों में क्रैक आ गए थे।
आखिर में थकहारकर वैज्ञानिकों ने अपने मत में यह बताया की इन सब घटना के पीछे किसी मौसमी तूफान का होना बताया गया ,हो सकता हैं।की किसी भयानक तूफान के कारण यह आले गिरे हो जिसके वजह से इतने सारे लोगो को मौत हो गई होगी ।
हाल ही में किए गए एक शोध में वैज्ञानिकों ने बताया की यहां पाई गई हड्डियां दो अलग अलग समय अंतराल की हैं।यानी की ये हड्डियां एक समय की ना होकर दो अलग अलग समय की थी ।वैज्ञानिकों ने बताया की इन दो समूहों को हड्डियों में लगभग 1000 सालो का अंतराल था ।अब सवाल ये यह की आखिर 1000 साल पहले आखिर यहां क्या हुआ होगा जिससे यह घटना गठित हुई ।अभी भी वैज्ञानिकों द्वारा इस पर शोध जारी हैं।🤔🤔
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