48 हजार साल से बर्फ के नीचे दबा था ज़ोंबी वाइरस,वैज्ञानिकों ने दुबारा जिंदा किया ।😯🤯
वैसे तो वैज्ञानिकों के द्वारा रोज नई नई खोज होती रहती हैं ,जिससे जीवो के जीवन को कही ना कही सरल बनाने में मदद मिलती हैं,लेकिन वैज्ञानिकों द्वारा हाल ही में एक ऐसी खोज की गई हैं,जिससे जीव जगत को सुगम का तो पता नहीं परंतु जीवन में परेशानियां जरूर आ सकती हैं
हाल ही में वैज्ञानिकों ने साइबेरिया में एक ऐसे वायरस को खोजा है जो पिछले कही दशकों से बर्फ की परतों के नीचे दबा हुआ था ,और निष्क्रिय अवस्था में था ,जैसे ही वैज्ञानिकों ने वायरस को बर्फ की परतों के नीचे से हटाया यह तुरंत सक्रिय हो गया ,काफी सालो से बर्फ के नीचे दबे होने पर भी ये वायरस अभी तक जिंदा था इसी कारण वैज्ञानिकों ने इस वायरस का नाम ज़ोंबी वायरस रख दिया ।
आपको बता दे की ये वायरस साइबेरिया के पर्माफ्रॉस्ट से खोजा गया था ,पर्माफ्रॉस्ट मिट्टी की एक ऐसे परत होती हैं जो सदियों से बर्फ में दबी रहती हैं।
हमारी पृथ्वी पर उत्तरी गोलार्ध का 15 फीसदी हिस्सा पर्माफ्रॉस्ट हैं ,लेकिन जैसे जैसे ग्लोबिन वार्मिंग बाद रही हैं वैसे वैसे पर्माफ्रॉस्ट के क्षतिग्रस्त होने का खतरा ज्यादा बाद गया हैं इस कारण आगे चलकर और भी कही वायरस खोजे जा सकते हैं ,जो मानव सभ्यता के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं।
(संकेत :- प्रतीकात्मक चित्र )
वैज्ञानिकों ने जब इस वायरस को एककोशिकिये अमीबा पर प्रयोग किया किया तो वायरस ने तुरंत इस अमीबा को संक्रमित कर दिया ,हालांकि यह वायरस मानव और जंतुओं को हानि पहुंचा सकता हैं,इस बारे में अभी तक कुछ कहा नहीं जा सकता,वैज्ञानिक इस पर अभी स्टडी कर रहे हैं, ।अभी तक की गई स्टडी में अभी तक ये ही पता चला हैं की ये वायरस लगभग 48500 साल पुराने हैं । एक स्टडी के अनुसार पर्माफ्रॉस्ट से निकले वाले वायरस लोगो के लिए बेहद खतरनाक होते हैं ।
वैज्ञानिकों को अब तक इस पर्माफ्रॉस्ट से लगभग 5 अलग अलग प्रजाति के 13 नए वायरस का पता चला हैं,जो सभी वायरस लगभग एक की काल के बताए जा रहे हैं (48500 साल पहले ) अब तक बर्फ में दबे होने के कारण ये निष्क्रिय अवस्था में थे और अब किसी जीव के संपर्क में आने पर ये किस प्रकार प्रतिक्रिया करेंगे इसका अंदाजा लगाना बेहद मुश्किल हैं।
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