हीमोस्टेसिस क्या होता हैं 🤔🤔🤔
ये कब होता हैं।
हेमोस्टेसिस तब होते हैं जबरक्त शरीर या रक्त वाहिकाओं के बाहर मौजूद होता हैं यह खून के बहने या खून की कमी को रोकने के लिए शरीर की सहज प्रक्रिया हैं।
हेमोस्टेसिस एक सरल प्रक्रिया हैं जो की हमारे शरीर में मुख्यत: तीन चरण में पूरी होती हैं।जिसके बारे में हम आगे विस्तार से बात करेंगे।
प्रथम चरण में रक्त वाहिकाओं से रक्त कम मात्रा ने बाहर निकलता हैं इस चरण को सवन्हानी ऐठन कहते हैं।
दूसरा चरण हैं, प्लेटलेट प्लग गठन यानी प्लेटलेट्स एक्टिव होकर एक दूसरे से चिपकने लगते हैं। और जहा से रक्त निकल रहा हैं वहा पर एक दीवार नुमा संरचना बना लेते हैं।
तीसरा और अंतिम चरण हैं रक्त का थक्का बनना,इसके अंतर्गत प्लेटलेट्स प्लग को आपस में फैबरीन थ्रेड्स के साथ मजबूत करता हैं, ताकि कही से खून बाहर न निकले।
हेमोस्टेसिस प्रक्रिया में प्लेटलेट्स , प्लेटलेट्स प्लग का निर्माण करके एक मुख्य भूमिका निभाते हैं।
👉 जैसे ही वाहिकाओं से ब्लड निकलता हैं, प्लेटलेट्स सब - एंडोथेलियम सतह का पालन करना शुरू कर देता हैं। इसमें मुश्किल से 8 sec. का समय लगता हैं। कुछ मिनटों के बाद फैब्रिन द्वारा प्लेटलेट्स प्लग पूरी तरह से बन जाते हैं ।
आइए अब हम बात करते हैं हीमोस्टेसिस के उन तीन चरण के बारे में जिसके बारे में हमने शुरू में जिक्र किया था।
प्रथम चरण :-
1. सहवनी ऐंठन:- हमारे शरीर में मौजूद वाहिकाएं चिकनी वाहिकाओं द्वारा निर्मित होती हैं और इन वाहिकाओं को संवहनी एंडो थिलियम द्वारा नियंत्रित किया जाता हैं।जो की इंट्रा वैस्कुलर सिंगल जारी करता हैं। यह सिग्नल मिलते ही जिस प्रकार गाड़िया आगे की तरफ दौड़ना शुरू कर देती हैं उसी प्रकार सिग्नल मिलते ही हमारी वाहिकाएं संकुचित होना शुरू कर देती हैं। और वाहिकाओं के इस प्रकार के संकुचन को वसोकोंस्त्रित ( vasoconstrit) कहते हैं।जो क्षेत्र केमध्य में रक्त के प्रवाह को कम करता हैं।
अब हम बात करते हैं इसके दूसरे चरण के बारे में तो इसका दूसरा चरण हैं,प्लेटलेट्स प्लग गठन
2.प्लेटलेट्स प्लग गठन:-
इसे प्राथमिक हीमोस्टेसीस भी कहते हैं । प्लेटलेट्स, प्लेटलेट्स प्लग बनाने के लिए क्षतिग्रस्त एंडोथिलियम का प्रयोग करते हैं ।
इस प्रक्रिया को थ्रंबोरेगुलेशन के मध्यम से नियंत्रित किया जाता हैं।प्लग गठन को vwp नामक एक ग्लाइकोप्रोटीन के द्वारा सक्रिय किया जाता हैं।जो की प्लाज्मा में पाया जाता हैं। जब प्लेटलेट्स सक्रिय होते हैं तो वे ग्लाइकोप्रोटिन व्यक्त करते हैं जो एकत्रीकरण और आसंजन पैदा करते हैं। प्लेटलेट्स द्वारा स्त्रावित ADP प्रभावित क्षेत्र में अधिक प्लेटलेट्स को इकट्ठा करती हैं । सेरेटोनिन एक वेसोकोंटिस्टेर हैं। और थ्रोंबोकेसेन A2 प्लेटलेट्स एकत्रीकरण वाहिका संक्रिय एवम गिरावट में मददगार हैं।
तीसरा और अंतिम चरण हैं रक्त का थक्का बनना
3.रक्त का थक्का बनना :-
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